शनिवार, 21 सितंबर 2019

मंदी का कारण

मनमोहन सिंह बोले कि विमुद्रीकरण (demonetization) और GST दोनों ने अर्थव्यवस्था की नींव हिला दी (https://in.yahoo.com/…/demonetisation-gst-key-reasons-slowd… )|
सोचने की बात है कि विमुद्रीकरण के साथ पुराने नोटों को नए नोटों से बदला गया| तो इसका प्रभाव तात्कालिक ही होगा, टैक्स तो लोग/व्यापारी देते ही थे | अगर एकमुश्त GST दे दिया तो दिक़्क़त क्यों हो?
लेक़िन समझना होगा कि विमुद्रीकरण के चलते ब्लैक मनी को धक्का लगा और बहते काले धन और उसकी अन्डरहैन्ड तरलता को धक्का लगा| GST ने इनडायरेक्ट टैक्स की चोरी पर लग़ाम कसी|
मंदी के लिए काले धन और टैक्स की चोरी पर नियंत्रण (जो मोदी ने किया) उत्तरदायी है| और ऐसा करने के लिए मोदी उत्तरदायी है| मोदी अगर काले धन और कर-चोरी करने वालों से बरज़ोरी नहीं करता तो सबकुछ बल्ले-बल्ले रहता| विमुद्रीकरण (demonetization) और GST दोनों ने काली अर्थव्यवस्था की नींव हिला दी| काले धन और काली पूँजी ने शिक़स्त खायी तो हमारी अर्थव्यवस्था (जिसकी दो तिहाई काले धंधे पर आधारित थी) हिचकोले खाने लगी| इसी सेटबैक ने मंदी का आह्वान किया| भारतीय अर्थव्यवस्था में जड़ जमाये भ्रष्टाचार की तरफ़ सबसे पहले गुन्नार मिर्डल (1968) ने अपनी क़िताब 'एशियन ड्रामा' में इशारा किया था| लेक़िन एशियन ड्रामा कौन पढता है?
मनमोहन सिंह जी खुल कर भ्रष्टाचार की बात नहीं कर सकते | अपनी रोटी भी तो सेंकनी है|

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें