सोमवार, 30 मार्च 2015

वह क्या था ?

यह तब की बात है जब मेरी उम्र लगभग पाँच साल की रही होगी । मेरा एक छोटा भाई था, मुझसे कोई ढाई साल छोटा। कुछ दिनों से बीमार चल रहा था। 

मैं अपने घर की बनावट बतला दूँ । बीच में आँगन और आँगन के पूरवी किनारे पर एक कमरा और एक बरामदा । आँगन के पच्छिमी किनारे दो कमरे और एक बरामदा । उत्तरी किनारे रसोईघर और दक्षिणी किनारा खुला, जिसमें सब्जियों के पौधे लगे रहते थे । 

शाम  का वक्त। आँगन के पूरवी किनारे, बरामदे की ओहारी (छप्पर का निचला हिस्सा) के नीचे एक खटिया लगी थी जिसपर मैं उत्तर की तरफ पैर किये लेटा था। माँ मेरे सिरहाने की तरफ के कमरे में मेरे छोटे बीमार भाई की देख-रेख कर रही थी। उसकी हालत बहुत खराब थी । मेरे पिता घर पर नहीं थे और मेरी बड़ी बहन (जो लगभग आठ साल की थी), पिता जी को मुहल्ले में ढूँढ कर बुला लाने गयी थी । 

मैं गुमसुम आकाश की तरफ़ ताक रहा था । अचानक मैंने देखा, दो लड़के, एक तो गहरे नीले रंग का और दूसरा हलके बैंगनी रंग का, खुले लम्बे छरहरे बदन, उमर करीब तेरह-चौदह वर्ष, हाथ में हाथ जोड़े, समान्तर, आकाश में उत्तर से दक्षिण की ओर उड़ते, गुजर गए। 

माँ  के  जोरों से रोने  की आवाज आयी । में खटिये पर उठ बैठा। बहन लौट कर नहीं आयी थी, न ही पिता जी। पीछे मैंने जाना कि मेरा छोटा भाई मर चुका था । 

तब से आज तक तक़रीबन साठ साल गुजर चुके हैं। लेकिन मैं अब भी साफ़-साफ़ याद कर सकता हूँ उन उड़ते लड़कों को। अगर मैं चित्रकार होता तो उन्हें अच्छी तरह आँक सकता। 

वह क्या था ? वे लड़के कौन थे ? मेरे छोटे भाई के मरने और उन लड़कों को देखने में क्या संबंध हो सकता है?     

                  

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